लेखनी कहानी -15-Mar-2024
दिनांक- 15, 03 2024 दिवस शुक्रवार प्रदत्त विषय गुरुवार की कृपा (कविता)प्रतियोगिता हेतु
गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है पहली गुरु है माता जीवन दिया है जिसने इनके खून से बना मैं गुमान हो रहा है । गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है, सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
दूजे गुरु पिता हैं पहचान जो दिलाए, रक्तबीज वो दिए हैं यह जनम उन्हीं से पाए दुनिया में मुझको लाके नेक काम हो रहा है गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है, सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
तीजे गुरु वो आया सौरी में जो संँभाली मेरा नार वो थी काटी सारे मैल थी छुड़ाई उसकी वज़ह से अम्मा को आराम हो रहा है गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है, सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
चौथे गुरु वो पुरोहित मेरा नाम जो धरे थे वह शब्द था बड़ा सार्थक हिय से हरे-भरे थे जो नाम वो दिए थे पहचान बन रहा है गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है , सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
पाँचवें गुरु दिव्यात्मा बेड़ा पार जो किए हैं कागज कलम गहे नहीं अथाह ज्ञान जो दिए हैं उस ज्ञान से जीवन में प्रकाश भर रहा है गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है, सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
अंतिम गुरु हमारे हर भ्रम को तोड़ डारे, ओंकार में मिलाकर जीवन को वो सँवारे उस सद्गुरु से बड़ा मेरा पार हो रहा है गुरुवर की ही कृपा से मेरा काम हो रहा है, सर पर है हाथ उनका मेरा नाम हो रहा है।
साधना शाही, वाराणसी
Varsha_Upadhyay
16-Mar-2024 10:51 PM
Nice
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Gunjan Kamal
16-Mar-2024 10:15 PM
शानदार
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Mohammed urooj khan
16-Mar-2024 03:32 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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